अगर मुझे बिल्ली या कुत्ते ने काट लिया तो क्या मुझे रेबीज़ हो सकता है? लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके
- VetSağlıkUzmanı 
- 17 अक्टू॰
- 11 मिनट पठन
रेबीज़ क्या है
रेबीज़ (Rabies) एक जानलेवा वायरल संक्रमण है जो स्तनधारियों के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिसमें मनुष्य भी शामिल हैं।इसका कारण रेबीज़ वायरस (Rabies virus) है, जो Lyssavirus जीनस का सदस्य है।यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित जानवरों की लार (saliva) के माध्यम से फैलती है — खासकर काटने, खरोंचने या संक्रमित लार के खुले घाव या म्यूकस झिल्ली (जैसे आँख, नाक, मुँह) के संपर्क में आने से।
वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद, पहले मांसपेशियों में बढ़ता है और फिर तंत्रिकाओं के माध्यम से धीरे-धीरे मस्तिष्क तक पहुँचता है।एक बार मस्तिष्क में पहुँचने पर यह गंभीर सूजन (inflammation) पैदा करता है, जो अंततः मौत का कारण बनती है।
इस रोग की ऊष्मायन अवधि (incubation period) आम तौर पर 1 से 3 महीने होती है, लेकिन कभी-कभी कुछ दिनों में या एक साल तक भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं।यह अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि काट कहाँ हुआ है, कितना वायरस शरीर में गया है, और प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) कितनी मजबूत है।
रेबीज़ विश्व की सबसे घातक बीमारियों में से एक है।एक बार लक्षण दिखने के बाद इसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन यह बीमारी 100% रोकी जा सकती है, यदि काटने या खरोंचने के तुरंत बाद सही उपचार किया जाए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 59,000 लोग रेबीज़ से मरते हैं, जिनमें से अधिकांश एशिया और अफ्रीका में होते हैं।भारत में और अन्य देशों में पालतू जानवरों के अनिवार्य टीकाकरण (mandatory vaccination) ने मामलों को काफी कम कर दिया है, लेकिन आवारा और बिना टीके वाले जानवर अब भी बड़ा खतरा बने हुए हैं।

रेबीज़ के प्रकार
रेबीज़ संक्रमण अलग-अलग रूपों में दिखाई दे सकता है, जो तंत्रिका तंत्र पर इसके प्रभाव पर निर्भर करता है।मुख्य रूप से इसके तीन प्रकार माने जाते हैं:
- उत्तेजक (Furious / Encephalitic) रूप 
- लकवाग्रस्त (Paralytic / Dumb) रूप 
- असामान्य (Atypical) रूप 
1. उत्तेजक रूप (Furious Rabies)
यह रेबीज़ का सबसे सामान्य और भयावह रूप है।इसमें वायरस मस्तिष्क में अत्यधिक सक्रियता उत्पन्न करता है, जिससे व्यक्ति या जानवर बेचैन, आक्रामक और उत्तेजित हो जाता है।
मुख्य लक्षण:
- अचानक चिड़चिड़ापन और आक्रामकता। 
- प्रकाश, ध्वनि या स्पर्श के प्रति अति संवेदनशीलता। 
- गले में ऐंठन के कारण पानी पीने में कठिनाई (हाइड्रोफोबिया)। 
- अत्यधिक लार आना और मुँह से झाग निकलना। 
- दौरे, बेचैनी, भ्रम और अंत में कोमा। 
यह रूप तेजी से बढ़ता है और आम तौर पर कुछ ही दिनों में मृत्यु का कारण बनता है।
2. लकवाग्रस्त रूप (Paralytic Rabies)
यह रोग का धीरे-धीरे बढ़ने वाला और शांत रूप होता है।इसमें संक्रमित व्यक्ति या जानवर में मांसपेशियों की कमजोरी और धीरे-धीरे बढ़ता हुआ लकवा दिखाई देता है।
लक्षण:
- काटे गए स्थान से शुरू होकर ऊपर की ओर बढ़ने वाला लकवा। 
- बोलने या निगलने में कठिनाई। 
- अंगों में सुन्नपन या कमजोरी। 
- अंततः श्वसन (respiratory) और हृदय गति रुकना। 
यह प्रकार अधिकतर बिल्लियों और मवेशियों में देखा जाता है और अक्सर गलत निदान हो जाता है।
3. असामान्य रूप (Atypical Rabies)
यह दुर्लभ होता है और इसकी पहचान कठिन होती है।रोगी में पारंपरिक लक्षणों की जगह केवल बुखार, कमजोरी, दौरे या मानसिक भ्रम हो सकते हैं।यह रूप विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में पाया जाता है।
रेबीज़ के कारण
रेबीज़ का कारण है रेबीज़ वायरस (Rabies virus), जो संक्रमित जानवर की लार में पाया जाता है।संक्रमण के सबसे आम तरीके निम्नलिखित हैं:
1. काटने से संक्रमण
यह सबसे सामान्य तरीका है।संक्रमित जानवर के काटने से वायरस सीधे ऊतक (tissue) में प्रवेश करता है और तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँचता है।
2. खरोंच या नाखून से संक्रमण
विशेष रूप से बिल्लियों में, नाखूनों पर लगी संक्रमित लार से वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है।
3. संक्रमित लार का खुले घाव या म्यूकस झिल्ली से संपर्क
भले ही काट न लगे हो, संक्रमित लार का घाव, आँख, मुँह या नाक से संपर्क संक्रमण फैला सकता है।
4. चमगादड़ों के संपर्क से संक्रमण
अमेरिका और लैटिन देशों में चमगादड़ रेबीज़ के प्रमुख वाहक (carriers) हैं।उनके काटे बिना भी संक्रमण हो सकता है क्योंकि उनके दाँत छोटे होते हैं और काट अक्सर महसूस नहीं होता।
5. अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से संक्रमण (बहुत दुर्लभ)
कभी-कभी संक्रमित दाताओं से अंग प्रत्यारोपण के दौरान वायरस फैल सकता है।
जोखिम के मुख्य कारक
- बिना टीकाकरण वाले पालतू या आवारा जानवरों के संपर्क में आना। 
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहना या वहाँ काम करना। 
- जानवरों के साथ काम करने वाले लोग (जैसे पशु चिकित्सक, किसान, चिड़ियाघर कर्मचारी)। 
- किसी जानवर द्वारा काटे जाने के बाद उपचार न कराना। 
वे स्थितियाँ जिनमें रेबीज़ नहीं फैलता
रेबीज़ स्पर्श, प्यार या भोजन देने से नहीं फैलता।यह खून, मूत्र, मल या हवा के माध्यम से भी नहीं फैलता।पके हुए मांस के सेवन से संक्रमण नहीं होता।

रेबीज़ के लिए संवेदनशील प्रजातियाँ
रेबीज़ एक ऐसी बीमारी है जो लगभग सभी स्तनधारियों (mammals) को प्रभावित कर सकती है, लेकिन कुछ प्रजातियाँ विशेष रूप से अधिक संवेदनशील होती हैं।नीचे दी गई तालिका विभिन्न प्रजातियों और उनके जोखिम स्तर को दर्शाती है:
| प्रजाति / समूह | विवरण | जोखिम स्तर | 
| आवारा कुत्ते और बिल्लियाँ | बिना टीकाकरण और लगातार लोगों व अन्य जानवरों के संपर्क में रहने के कारण सबसे बड़ा संक्रमण स्रोत। | बहुत उच्च (High) | 
| घर के कुत्ते (बिना टीकाकरण) | ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अधिक जोखिम; बाहर घूमने वाले कुत्ते अक्सर संक्रमित जानवरों से संपर्क में आते हैं। | उच्च (High) | 
| घर की बिल्लियाँ (जो बाहर जाती हैं) | शिकार करने की आदत और चूहे-पक्षियों से संपर्क के कारण संक्रमण का खतरा। | मध्यम (Moderate) | 
| पशुधन (गाय, भेड़, बकरी) | संक्रमित कुत्तों या लोमड़ियों के हमले के बाद संक्रमित हो सकते हैं; इनमें अधिकतर लकवाग्रस्त रूप देखा जाता है। | मध्यम (Moderate) | 
| जंगली जानवर (चमगादड़, लोमड़ी, रैकून) | वायरस के प्राकृतिक वाहक; अक्सर काटे जाने का पता नहीं चलता। | बहुत उच्च (High) | 
| टीकाकृत पालतू जानवर (घर में रहने वाले) | नियमित टीकाकरण और सीमित संपर्क के कारण संक्रमण की संभावना बहुत कम। | बहुत कम (Low) | 
निष्कर्ष:
रेबीज़ से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है सभी पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण।
भले ही किसी जानवर को टीका लगा हो, अगर उसने किसी को काटा है, तो उसे 10 दिन तक पशु चिकित्सक की निगरानी में रखना चाहिए।

रेबीज़ के लक्षण
रेबीज़ के लक्षण तीन चरणों में प्रकट होते हैं:
- ऊष्मायन अवधि (Incubation Period) 
- प्रारंभिक चरण (Prodromal Phase) 
- तंत्रिका संबंधी चरण (Neurological Phase) 
एक बार जब तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो जाता है, तो यह बीमारी लगभग हमेशा जानलेवा साबित होती है।
1. ऊष्मायन अवधि
- औसतन 30 से 90 दिन तक रहती है, लेकिन यह कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक हो सकती है। 
- इस दौरान वायरस धीरे-धीरे मस्तिष्क की ओर बढ़ता है, और कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते। 
2. प्रारंभिक चरण (Prodromal Phase)
इसमें सामान्य वायरल संक्रमण जैसे लक्षण दिखते हैं:
- हल्का बुखार, सिर दर्द और कमजोरी। 
- काटे गए स्थान पर खुजली, झनझनाहट या दर्द महसूस होना। 
- चिड़चिड़ापन, चिंता और नींद न आना। 
- भूख की कमी या पेट में असहजता। 
3. तंत्रिका संबंधी चरण (Neurological Phase)
जब वायरस मस्तिष्क में पहुँच जाता है, तो गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं:
- हाइड्रोफोबिया (Hydrophobia) — पानी देखने या पीने पर गले में ऐंठन। 
- एयरोफोबिया (Aerophobia) — हवा लगने पर मांसपेशियों में ऐंठन। 
- मानसिक भ्रम, भ्रमित व्यवहार और आक्रामकता। 
- लकवा (Paralysis) और श्वसन रुक जाना। 
- अत्यधिक लार आना और निगलने में कठिनाई। 
- अंतिम चरण में, कोमा और मृत्यु। 
कुत्तों में लक्षण
- व्यवहार में अचानक बदलाव (शांत कुत्ता आक्रामक बन जाना)। 
- बिना कारण लोगों या वस्तुओं को काटना। 
- अत्यधिक लार आना, निगलने में कठिनाई। 
- झटके, कांपना, चलने में अस्थिरता। 
बिल्लियों में लक्षण
- आक्रामकता और शांति के बीच उतार-चढ़ाव। 
- लगातार म्याऊँ करना या अजीब आवाज़ें निकालना। 
- पैरों में कमजोरी या लकवा। 
- दौरे पड़ना और अचानक गिर जाना। 
महत्वपूर्ण: एक बार लक्षण प्रकट हो जाने पर, कोई इलाज संभव नहीं होता। केवल जल्दी उपचार और टीकाकरण ही जीवन बचा सकता है।
रेबीज़ का निदान (Diagnosis of Rabies)
रेबीज़ का निदान तीन आधारों पर किया जाता है:
- रोग का इतिहास और संपर्क विवरण 
- क्लिनिकल जांच (Clinical Examination) 
- प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory Tests) 
1. मनुष्यों में निदान
- डॉक्टर काटने या खरोंच के प्रकार, जानवर की स्थिति और टीकाकरण इतिहास की जांच करता है। 
- लक्षण जैसे हाइड्रोफोबिया और एयरोफोबिया रोग की पुष्टि के लिए विशिष्ट माने जाते हैं। 
- PCR टेस्ट से लार, त्वचा या मस्तिष्कमेरु द्रव (CSF) में वायरस की उपस्थिति जाँची जाती है। 
- फ्लोरेसेंट एंटीबॉडी टेस्ट (DFA) वायरस के एंटीजन की पुष्टि करता है। 
- काटने वाले जानवर को 10 दिन तक निगरानी में रखा जाता है। 
2. जानवरों में निदान
- निश्चित निदान आमतौर पर मृत जानवरों के मस्तिष्क ऊतक की जांच से किया जाता है, जहाँ Negri bodies पाई जाती हैं। 
- जीवित जानवरों में लार या आँख की कोशिकाओं की जांच की जा सकती है, लेकिन यह हमेशा विश्वसनीय नहीं होती। 
- व्यवहारिक बदलाव और तंत्रिका संबंधी लक्षण महत्वपूर्ण संकेत माने जाते हैं। 
3. निदान की चुनौतियाँ
- शुरुआती चरण में लक्षण सामान्य संक्रमण जैसे लग सकते हैं। 
- इसलिए पुष्टि का इंतजार किए बिना उपचार (post-exposure prophylaxis) शुरू करना सबसे सुरक्षित तरीका है। 

रेबीज़ का उपचार
एक बार जब रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तब इसका कोई इलाज संभव नहीं होता।हालाँकि, यदि काटने या खरोंचने के तुरंत बाद उचित कदम उठाए जाएँ, तो बीमारी को पूरी तरह रोका जा सकता है।उपचार का मुख्य उद्देश्य है कि वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) तक न पहुँचे।
1. काटने के बाद तुरंत प्राथमिक उपचार
- घाव को तुरंत 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोएँ।यह वायरस की मात्रा को काफी हद तक कम करता है। 
- पॉविडोन आयोडीन या अल्कोहल (70%) जैसे एंटीसेप्टिक से साफ करें। 
- घाव को सिलने से बचें, ताकि संक्रमण अंदर न बंद हो जाए। 
- तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाएँ। 
2. संपर्क के बाद रोकथाम (Post-Exposure Prophylaxis / PEP)
यह उपचार रेबीज़ वैक्सीन और कुछ मामलों में रेबीज़ इम्यूनोग्लोबुलिन (RIG) के संयोजन से किया जाता है।
- रेबीज़ वैक्सीन:वैक्सीन पाँच डोज़ में दी जाती है — दिन 0, 3, 7, 14 और 30।आधुनिक वैक्सीन जैसे Verorab® या Rabipur® बहुत प्रभावी और सुरक्षित हैं। 
- रेबीज़ इम्यूनोग्लोबुलिन (RIG):यह गहरे या कई घावों के मामलों में लगाया जाता है।इसका आधा हिस्सा घाव के आसपास और बाकी मांसपेशी में इंजेक्ट किया जाता है।यह तुरंत प्रतिरक्षा प्रदान करता है, जब तक शरीर स्वयं एंटीबॉडी बनाता है। 
3. संपर्क से पहले टीकाकरण (Pre-Exposure Vaccination)
यह उन लोगों के लिए सुझाया जाता है जो लगातार जोखिम में रहते हैं — जैसे पशु चिकित्सक, प्रयोगशाला कर्मचारी, पशु पालक और यात्रियों के लिए।इसे तीन डोज़ (दिन 0, 7 और 21/28) में दिया जाता है और हर 2–3 साल में बूस्टर डोज़ की आवश्यकता होती है।
4. सहायक देखभाल (Supportive Care)
यदि बीमारी विकसित हो गई है, तो केवल लक्षणों को नियंत्रित करने वाला उपचार किया जा सकता है —शांत करने वाली दवाएँ, दर्द निवारक, कृत्रिम वेंटिलेशन और तरल आपूर्ति।
जटिलताएँ और रोग का पूर्वानुमान
रेबीज़ सबसे घातक संक्रमणों में से एक है।एक बार जब लक्षण प्रकट हो जाते हैं, तो लगभग सभी मामलों में मृत्यु निश्चित होती है।
मुख्य जटिलताएँ
- श्वसन तंत्र की विफलता: साँस लेने वाली मांसपेशियाँ लकवाग्रस्त हो जाती हैं। 
- हृदय की अनियमित धड़कन (Arrhythmia): स्वायत्त तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो जाता है। 
- पूर्ण शरीर लकवा: पैर से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलता है। 
- कोमा और मस्तिष्क की मृत्यु: मस्तिष्क कोशिकाओं का विनाश। 
पूर्वानुमान (Prognosis)
रोग के लक्षण शुरू होने के बाद मृत्यु आमतौर पर 7–10 दिनों में हो जाती है।दुनिया भर में केवल कुछ ही लोग इस रोग से बच पाए हैं, वह भी प्रयोगात्मक उपचार से।अतः समय पर टीकाकरण और रोकथाम ही जीवन रक्षक उपाय हैं।
घर पर देखभाल और बचाव
रेबीज़ से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है सावधानी और टीकाकरण।कुछ सरल आदतें जान बचा सकती हैं।
पालतू पशु मालिकों के लिए
- अपने कुत्तों और बिल्लियों का हर साल टीकाकरण करें। 
- टीकाकरण रिकॉर्ड सुरक्षित रखें। 
- पालतू जानवरों को बिना निगरानी के बाहर न जाने दें। 
- किसी भी असामान्य व्यवहार वाले जानवर को तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएँ। 
व्यक्तिगत बचाव के उपाय
- आवारा जानवरों के संपर्क से बचें। 
- बच्चों को सिखाएँ कि अजनबी जानवरों से दूर रहें। 
- काटने या खरोंचने पर तुरंत साबुन और पानी से घाव धोएँ और अस्पताल जाएँ। 
- अगर आप ऐसे क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं जहाँ रेबीज़ आम है, तो टीका पहले से लगवाएँ। 
- मरे या घायल जानवरों को न छुएँ। 
सामुदायिक स्तर पर
- आवारा जानवरों के टीकाकरण और नसबंदी अभियान का समर्थन करें। 
- रेबीज़ के लक्षण वाले जानवरों की सूचना स्थानीय अधिकारियों को दें। 
- लोगों को इस बीमारी और इसके बचाव के बारे में शिक्षित करें। 
पालतू मालिक की ज़िम्मेदारियाँ
पालतू मालिक रेबीज़ रोकथाम की पहली कड़ी हैं।एक लापरवाह मालिक के कारण पूरा मोहल्ला खतरे में आ सकता है।
मुख्य ज़िम्मेदारियाँ:
- हर साल टीकाकरण कराना अनिवार्य है। 
- टीकाकरण प्रमाणपत्र सुरक्षित रखना और जाँच के समय प्रस्तुत करना। 
- किसी को काटने की घटना होने पर तुरंत स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग को सूचित करें। 
- काटने वाले जानवर को 10 दिनों तक निगरानी में रखें। 
- बिना टीके वाले जानवरों को बेचना या स्थानांतरित करना अवैध है। 
- आवारा जानवरों की जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों में सहयोग करें। 
कुत्तों और बिल्लियों में रेबीज़ का अंतर
हालाँकि रेबीज़ दोनों प्रजातियों में समान वायरस से होता है, लेकिन इनके लक्षण और व्यवहार अलग-अलग होते हैं।
| विशेषता | कुत्ते (Dogs) | बिल्लियाँ (Cats) | 
| रोग की आवृत्ति | अधिक सामान्य; मानव संक्रमण के मुख्य स्रोत। | कम सामान्य, लेकिन शहरों में बढ़ रही हैं। | 
| व्यवहार में बदलाव | अचानक आक्रामकता, काटने की प्रवृत्ति, भौंकने में बदलाव। | आक्रामकता और शांति के बीच उतार-चढ़ाव, अप्रत्याशित हमले। | 
| भौतिक लक्षण | लार का बहना, निगलने में कठिनाई, लकवा। | लगातार म्याऊँ, काँपना, पैरों में कमजोरी। | 
| प्रमुख रूप | उत्तेजक (Furious) रूप अधिक आम। | लकवाग्रस्त (Paralytic) रूप अधिक आम। | 
| पहचान में कठिनाई | स्पष्ट लक्षणों के कारण जल्दी पहचान संभव। | अक्सर तनाव या थकान समझ लिया जाता है। | 
कुत्ते और बिल्लियाँ दोनों ही काटने या खरोंचने से वायरस फैला सकते हैं।
किसी भी संदिग्ध स्थिति में जानवर को अलग करें और तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
अगर मुझे बिल्ली ने काटा तो क्या मुझे रेबीज़ हो सकता है?हाँ, अगर बिल्ली संक्रमित या बिना टीके की है तो आपको संक्रमण हो सकता है। तुरंत घाव को धोएँ और डॉक्टर से मिलें।
अगर कुत्ते ने काट लिया तो क्या करना चाहिए?घाव को 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोएँ, एंटीसेप्टिक लगाएँ और तुरंत अस्पताल जाएँ। डॉक्टर रेबीज़ वैक्सीन शुरू करेंगे।
क्या टीका लगे कुत्ते से भी रेबीज़ हो सकता है?बहुत कम संभावना होती है, लेकिन अगर वैक्सीन पुराना है या जानवर बीमार है तो जोखिम रहता है। उसे 10 दिन तक निगरानी में रखें।
रेबीज़ के लक्षण आने में कितना समय लगता है?आमतौर पर 1 से 3 महीने, लेकिन कुछ मामलों में एक हफ्ते से एक साल तक भी लग सकता है।
क्या रेबीज़ हमेशा जानलेवा होता है?हाँ, एक बार लक्षण आने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन समय पर टीकाकरण इसे पूरी तरह रोक सकता है।
क्या रेबीज़ छूने या प्यार करने से फैलता है?नहीं। केवल काटने, खरोंचने या संक्रमित लार के घाव में जाने से फैलता है।
क्या छोटी सी खरोंच से भी रेबीज़ हो सकता है?हाँ, अगर जानवर संक्रमित है तो खरोंच से भी वायरस शरीर में जा सकता है।
क्या रेबीज़ हवा या खून से फैलता है?नहीं। यह न तो हवा से और न ही खून, पेशाब या मल से फैलता है।
रेबीज़ के शुरुआती लक्षण क्या हैं?बुखार, सिर दर्द, घाव पर झनझनाहट, बेचैनी और चिंता। बाद में हाइड्रोफोबिया, भ्रम और लकवा जैसे लक्षण दिखते हैं।
कुत्तों में रेबीज़ के लक्षण क्या हैं?अचानक आक्रामकता, लार आना, निगलने में कठिनाई, काँपना और चलने में अस्थिरता।
बिल्लियों में रेबीज़ के लक्षण क्या हैं?लगातार म्याऊँ करना, व्यवहार में बदलाव, पैरों में कमजोरी, आक्रामकता और कमजोरी।
क्या काटे बिना रेबीज़ हो सकता है?कभी-कभी, अगर संक्रमित लार खुली चोट या आँख, मुँह या नाक के संपर्क में आती है।
क्या चमगादड़ से रेबीज़ हो सकता है?हाँ, यह प्रमुख वाहक होते हैं। उनकी काट अक्सर महसूस नहीं होती लेकिन संक्रमण फैला सकती है।
क्या रेबीज़ व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है?बहुत दुर्लभ मामलों में अंग प्रत्यारोपण के दौरान हुआ है। सामान्य संपर्क से नहीं फैलता।
अगर मैंने वैक्सीन कोर्स पूरा नहीं किया तो क्या होगा?आपकी प्रतिरक्षा अधूरी रहेगी। कोर्स को जितनी जल्दी हो सके पूरा करें।
क्या गर्भावस्था में रेबीज़ का टीका सुरक्षित है?हाँ, आधुनिक वैक्सीन सुरक्षित है और गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी दी जा सकती है।
क्या जानवर रेबीज़ से ठीक हो सकते हैं?नहीं, एक बार लक्षण आने के बाद यह घातक होता है। रोकथाम ही एकमात्र उपाय है।
क्या रेबीज़ को शुरुआती चरण में पहचाना जा सकता है?मुश्किल है। इसलिए काटने के तुरंत बाद बिना देरी किए वैक्सीन लेना जरूरी है।
क्या रेबीज़ हर देश में पाया जाता है?यह 150 से अधिक देशों में पाया जाता है। कुछ देश जैसे जापान और ऑस्ट्रेलिया ने इसे नियंत्रित कर लिया है।
अगर कुत्ता जिसने काटा था 10 दिन बाद भी ठीक है, तो क्या मैं सुरक्षित हूँ?हाँ, अगर 10 दिन में उसमें कोई लक्षण नहीं दिखे, तो संक्रमण की संभावना बहुत कम है।
क्या रेबीज़ समय पर इलाज से ठीक हो सकता है?हाँ, अगर वायरस मस्तिष्क तक पहुँचने से पहले वैक्सीन दी जाए तो बीमारी रोकी जा सकती है।
क्या रेबीज़ का टीका बीमारी पैदा कर सकता है?नहीं। यह निष्क्रिय (inactivated) वायरस से बनाया जाता है, जो रोग नहीं फैलाता।
पालतू जानवरों को रेबीज़ का टीका कितनी बार लगाना चाहिए?हर साल एक बार या डॉक्टर की सलाह अनुसार। प्रमाणपत्र सुरक्षित रखें।
क्या वायरस शरीर के बाहर जीवित रह सकता है?नहीं। यह धूप, गर्मी, साबुन या कीटाणुनाशक से तुरंत नष्ट हो जाता है।
रेबीज़ को पूरी तरह कैसे खत्म किया जा सकता है?कुत्तों और बिल्लियों का सामूहिक टीकाकरण, जन जागरूकता और काटने के तुरंत बाद उपचार से यह बीमारी 100% रोकी जा सकती है।
स्रोत (Sources)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) – रेबीज़ पर तथ्य पत्रक 
- रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) – रेबीज़ की जानकारी 
- विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH/OIE) – रेबीज़ नियंत्रण दिशानिर्देश 
- MSD वेटेरिनरी मैनुअल – रेबीज़ पर विस्तृत जानकारी 




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